Sunday, 24 November 2019

दिल चाहता है

                         दिल चाहता है

     हाँ मै दिल से चाहती हूँ....
     कुछ दिनों या महीनो बाद,
      एक दिन  मुझे फोन करो,
     और वो फोन मेरी ओर से ना उठे ...
     तुम एक दो तीन चार बार और कोशिश करो,
     और फिर भी बस फोन की घंटी बजती रहे.....
     कुछ दिन और गुज़र जाने के  बाद, तुम्हे थोड़ी।         और फ़िक्र हो,और मुझसे बात करने को बेसब्र हो       जाओ...
     तुम मैसेज करो एक के बाद एक कई सारे...
     और वो संदेश प्रेषित तो हो जाये, लेकिन
     उनका कोई भी जवाब
     फिर कभी नहीं आए...
    फिर तुम बेकरार हो कर
    सोचो मेरे बारे में,
    मेरी हर बात,
    मेरी आवाज़,मेरा चेहरा... 
    तुम्हारे लिए मेरी फ़िक्र..
    मेरे साथ बिताया हर एक लम्हा..
    तुम्हारी बिना बात की नाराज़गी
    पर भी यू दिल से मनाना।
    वो मेरा तुम्हे सताना,और चिढ़ाना....
    फिर तुम्हारा मान कर भी फिर से चिढ़ जाना।
    फिर से तुम मुझे कई बार फोन करो,
    कभी अपने दूसरे नम्बर से ,
   कभी अपने किसी मिलने वाले के फोन से।
   और फिर भी कोई जवाब ना मिले,
    तुम फिर से मुझे संदेश भेजो
    जिसका कोई जवाब न मिले..
    तुम अचानक बहुत बेचैन हो जाओ,
    तुम्हें सब कुछ याद आता रहे,
    तुम लगातार मेरे बारे में सोचो...
    तुम्हे सब कुछ याद आये..
     सब कुछ...
    और फिर तुम्हें नींद न आये..
    बस मेरी याद आये...
    तुम मुझे सोशल मिडीया पर ढूँढो..
    फिर संदेश करो..
     फिर फोन करो..
    फिर कोई जवाब न मिले..
    तब तुम फोन में अननेम्ड फोल्डर खोलकर..
    मेरी और अपनी तस्वीरें देखो...
    तुम्हे गुस्सा आये,
    चीढ हो, तुम्हे रोना आये..
    तुम्हें एहसास हो
    कि मैंने कैसे गुज़ारा होगा ,
   वो तुम्हारे जुदाई के पलों को ।
   एहसास हो तुम्हे किसी के लिये
    परेशान होना क्या होता है..?
    क्या होता है टूट जाना...?
    फिर कुछ अच्छा भी नहीं लगेगा तुम्हे,
    तब तुम हर जगह मुझे ही ढूँढोगे...
   बस एक बार ,आखिरी बार मुझे देखना चाहोगे,
    मुझे सुनना चाहोगे..मेरे सीने से लग कर ,
    मुझसे लिपटकर रोना चाहोगे..
    तुम दिवाने हो जाओगे ,उस प्यार के लिए,
    जो सिर्फ और सिर्फ मुझसे मिल सकता था..
   और उस हाल में, तुम्हे सुनने  वाला
  तुम्हारे माथे को चूमने वाला, तुम्हे सीने से लगाने।      वाला ...कोई नही होगा ..."मैं"....भी नही....
  तुम महसूस करो दिल का टूटना,
   कैसा लगता है जब कुछ अन्दर तक टूट जाता है।
  सब कुछ बिखर सा जाता है, अकेलेपन में रोना..
   किसी से बहुत कुछ कहने की चाहत
   और  कुछ भी न कह पाने की बेबसी..
   सारे काम ज़बरदस्ती से लगे,
   बस हर वक़्त किसी नशे की ज़रूरत लगे,
   नींद की गोलियों का भी कोई असर ना हो,...
  हर वक़्त..सोते जागते,
   बस मैं ही रहूँ..
   तुम्हारे दिमाग में रहूँ...
   उस वक़्त...जब ये सब हो..
   शायद तुम्हे समझ आये..
    कि तुम कितने गलत थे...
  तुमने क्या किया..?और तुम्हे क्या मिला था..?
   और तुमने क्या खो दिया...? तब तुम्हें समझ आएगा...
  मैं किस हाल में थी..मैं ये सब दिल से चाहती  हूँ..
   हाँ..सच में..पर एक सच ये भी है..
   कि आज भी मैं तुम्हारे  फोन और संदेशों को
   चाह कर भी बड़ी मुश्किलों के बाद भी अनदेखा।   नही कर पाती  हूँ..
   आज भी हर व्हाटसअप पर लगी फोटो
   छुपा लेती हूँ दुनिया की नज़रे बचा  कर.....
   आज भी सिर्फ तुम्हे
   ऑनलाइन देखने के लिए
   फोन देखती हूँ....
   और लास्ट सीन बहुत पहले का देख बेचैन हो जाती। हूँ।
    पर फिर भी अब कोई संदेश  नहीं करती और
   ना ही करूँगी ..
    क्योंकि मैं दिल से चाहती  हूँ..
    तुम एक बार महसूस करो....

    जो मैं करती थी!!
    करती हूँ...!!!
💔