Wednesday, 6 July 2022

काश कभी ऐसी भी बारिश आये

 

काश कभी ऐसी भी बारिश आये

रिमझिम बरसते इन बारिशों में
काश कभी ऐसी भी
बारिश आये जिसमें
सबके अहम डूब जाए
मतभेद के किले ढह जाएं
घमंड चूर चूर हो जाए
गुस्से के पहाड़ पिघल जाए
नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये
प्यार की बारिशों में भींग जाये,
सौहार्द और सद्भावनाओं से
लबालब भरे ताल व तलैये हो,
दया और करुणा से भरी नदियां हो
और हम सब
"मैं" से "हम" हो जाएं ......
काश कभी ऐसी भी बारिश आये....
बस_यू_ही