Friday, 14 October 2011

क्या कसाब या अफजल गुरु को फाँसी देना आवश्यक है ?????.

क्या वाकई में कसाब और अफजल गुरु को सिर्फ फाँसी की ही सजा दी जा सकती है ..और कोई दूसरी सजा इनके लिए उचित नहीं होगी .और यदि ऐसा है , तो हमारी सरकार और न्याय पालिका उसमे इतना समय क्यों लगा रही है .जो भी करना है कर के काम की समाप्ति क्यों नहीं करते ?
       यदि इनकी मेहमान नवाजी ही उमरभर  करनी है तो इनको अपने यहाँ का सांसद भी बनाया जा सकता है इससे  तीन  काम हो जायेगे ..१- तो ये आराम के साथ उम्र भर भारत में रह सकते है .२-भारत भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ही भाति आतंक वादी राष्ट्र बन जायेगा .३-अल्पसंख्यक और बहु संख्यक की लड़ाई हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी .....
       और नहीं यदि इनको सजा के रूप में फाँसी ही देनी है तो वो भी दे के बात को ख़त्म करना चाहिए...
वैसे  मेरी समझ में एक रास्ता और भी  है जिससे यदि हमारे  हुक्मरान इनको सुरछित रखते हुए इनको सजा देना चाहे तो वो भी कर सकते है ....
       सबसे पहले वो एक म्यूजियम बनवा दे . और देश विदेश के जितने भी आतकियो को पकड़ सकते है .पकड़ कर उन्हें एक ऐसे कमरे में जहा सिर्फ उनके खड़े होने भर की जगह  हो और सामने की दीवाल में लोहे की सलाखे लगी हो.एक एक में एक एक को जनता के दर्शन के लिए रखा जाये.इससे भी कई काम हो जायेगे मसलन देश को आर्थिक लाभ होगा और देश की जनता का क्रोध भी शांत हो जायेगा ..बस  वहा कुछ नियम भी लगा दिए जाये जैसे .............१-जो भी व्यक्ति अंदर जाना कहेगा उसे २०० रु का एक टिकट लेना होगा .२-अंदर हर आतंक वादी को २-४ थप्पड़ जितनी भी ताकत हो लगा कर मारना होगा ३-अंदर कोई भी हथियार नहीं ले जाना है.४-सिर्फ चेहरे पर ही मारना होगा .५- पुरे परिवार के साथ आने पे टिकट पे छुट का प्राविधान होगा ..५-उनसे और कोई बात नहीं करनी होगी .
         इससे ये सभी अपनी मौत से मरेगे सरकार की इच्छा भी पूरी हो जाएगी और जनता की भी ....
 यदि हमारी बातो से किसी की भावनाए आहात हुई हो तो मैं माफ़ी चाहती हूँ...

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