Neelam Vandana
Tuesday, 25 December 2012
करोड़ों लोगों को
करोड़ों जिंदा लोगों को नहीं है पैरहन हासिल........
मगर मुर्दा ना कोई हमने अब तक बेकफ़न देखा.......
किसी भी बाग़ में अब प्यार की खुशबू नहीं " वैभव "......
यहाँ नफरत से झुलसा आज हमने हर चमन देखा ......
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