Saturday, 7 May 2022

मेरा स्पंदन तुमसे है मां

मेरा स्पंदन तुमसे है मां,
पहला स्पर्श तुम्हारा है,
ममता का भंडार भरा तुम्हारा है मां,
सदा बरसता प्यार का ख़ज़ाना है।
ना जाने कितने कष्टों को सहकर तू,
धरती पर मुझको लायी है।
पकड़कर उंगली चलना सिखाया,
बोलना,लिखना,पढ़ना सिखाया,
सही गलत का भेद बताया,
जीवन का हर वो पाठ पढ़ाया,
जो नहीं किसी स्कूल में पढ़ाया जाता।
नन्हे नाजुक बच्चे थे हम,
तुमने हमे भला इन्सान बनाया
अपने प्यार की परवरिश देकर
सबसे प्यार करना हमें सिखाया
गिर गिर के उठना और 
नहीं किसी से डरना
स्वाभिमान से आगे बढ़ना 
कुछ ऐसे ही जीवन में 
आगे बढ़ना हमें सिखाया 
क्यों होती है निःस्वार्थ मां
ये मां बनकर ही मैंने भी जाना
धीरज धरना कठिन वक्त में,
ख़ुश रहकर और ख़ुशियां देना
तुमने ही तो हमें सिखाया 
तुमसे ही तो घर है बनता
तुमसे ही तो जीवन सजता
तुम हो तो हम सब हैं
और तुममे ही वो रब है बसता
मेरी मां से सुंदर कोई नहीं,
मेरी मां इस जग का तारा है।
ये जीवन ऋणी है सदा तुम्हारा

मेरा स्पंदन तुमसे है मां,
पहला स्पर्श तुम्हारा है,

HAPPY MOTHER'S DAY💐

किताबें

यूं तो ये किताब कहलाती है,
जिनमें कागजों से बने कई 
पन्ने एक साथ जुड़े होते हैं।
और जिल्द में कैद होते हैं।
पर ये रूह से आज़ाद है।

इन पन्नों में कैद है,
किसी की भींगी हुयी आँखे, 
किसी के खिलखिलाते मोतीसे दांत, 
किसी की सांसो की लय पर
गूंजते खामोशी का तरन्नुम,
कैद है किसी के भावनाओं का समन्दर।

इन पन्नों में कैद है,
सदियों का इतिहास
धरा का भूगोल
आकाश मण्डल में
होने वाले
खगोलीय घटनाक्रम

इन पन्नों में कैद है
जलते शमा के
साये से लिपटे
परवाने की कहानी,
हर मुश्किल का समाधान।

इन पन्नों में कैद है  
वक्त का हर फलसफा, 
खुदा की की इबादत,
ना जाने कितनों के
जीवन का हिसाब किताब

इन पन्नों में कैद है
ज्ञान विज्ञान की 
अनगिनत कहानी
अंकों की कारीगरी
शब्दों की जादूगरी

यूं तो ये किताब कहलाती है,
जिनमें कागजों से बने कई 
पन्ने एक साथ जुड़े होते हैं।
और जिल्द में कैद होते हैं।
पर ये रूह से आज़ाद है।
नीलम वन्दना