Neelam Vandana
Tuesday, 6 March 2012
haqiqat ke hur
मेरे बच्चों को भेज दे - खुदा पास तू मेरे;
कि जमाना हो गया - किसी हूर से मिले .
कितना अरसा दूर रहेगी.. रुह जिस्म से ..
मुद्दत हो गए जुदा हुये..जिस्म को रुह से
मिली जो एक झलक उसकी ..
क़यामत से पहले क़यामत हो गयी ..
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