कहा छुप गये हो, नज़र आते नही हो ,
जिन्दगीभर साथ निभाने का वादा था ,
लेकिन तुम तो नजरो से ओझल हुये ऐसे
सूरज की रोशनी मे चाद की चादनी हो जैसे
बाहर की शान्ति मे दिल की हलचल हो जैसे
जवानी के जोश मे बचपन की मासूम खुशियां हो जैसे
अब तो आ भी जाओ नही खेली जाती अब
मुझसे ये लुकाछिपी अब आ भी जाओ
कहा छुप गये हो |
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