आज इस भीड़ भरी दुनिया में भी हर शख्स अकेलेपन का शिकार सा है ...आखिर क्यों है ऐसा आज हमारे पास भौतिक जगत की सारी सुविधाये है ..भगवान के दिए हुए माता पिता भाई बहन और बाकि रिश्तेदार भी है ..फिर भी हर दूसरा व्यक्ति अकेलेपन की समस्या से ग्रसित है ......
. .इसके कारण शायद हम खुद ही है आज का इन्सान इतना ज्यादा भौतिकतावादी हो गया है की उसके पास अपनों के पास बैठने के लिए समय ही नहीं ..न ही वो माता पिता को समय दे पता है न ही परिवार के अन्य सदस्यों को...और तो और आज की माताये भी अपने बच्चो को पूरा समय नहीं दे पाती
और न ही उनके पिता आज आधुनिक युग में बच्चो की परवरिश उनके आयाओ के भरोसे पे हो रही है ......
आखिर क्यों हम अपने माता पिता को समय नहीं दे पाते.......हम अपने बच्चो के साथ क्यों उनका बचपना नहीं जी पाते जैसे हमारे माता पिता हमारे साथ जीते थे ...हम उन्हें भौतिक जगत की सारी चीज़े दे रहे है बस अपना अमूल्य समय ही नहीं दे रहे जिसके कारण वो उन संस्कारो से वंचित हो जा रहे है ..जो हम उन्हें जाने अनजाने दे देते ..जो उन्हें विरासत में उनके दादा दादी दे देते ....
आज हम ये भूल जाते है की जो आज हम अपने बच्चो को जाने अनजाने दे रहे है वही कल हमे ब्याज के साथ वापिस मिलने वाला है ...हम बच्चो
के भावनात्मक विकास को अवरूध कर रहे है .कही न कही..आज कभी हम परेशान होते है की हमारे साथ कोई भी नहीं है लेकिन क्या हम कभी ये देखते है हम किसी के साथ कभी थे या है की नहीं ...
.आज हम अपनों के लिए समय न होने का रोना रोते है तो कल उनके पास हमारे लिए समय कहा से आएगा ......
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