Saturday, 6 June 2015

इत्तेफाक नहीं होता !


मिलाना और बिछड़ जाना किसी का महज़ इत्तेफाक नहीं होता !

दर्द का दमन थाम लिया हो तो जख्मों के कहर का कुछ आभास नहीं होता !

मिटने मिटाने का हुनर जानने वालो को खुदी से बेखुदी का डर नहीं होता!

कोई अजनबी इस कदर दिल का मेहमान नहीं बनता !

मौका परस्त तो होते है इन्सान वफ़ा का ऐसा हाल नहीं होता !

एक तस्वीर


 अपनी ही एक तस्वीर मुझे भाती है, 
उसे देखा कर बहुत सी बाते दिल में आती है,
अपनी मुश्कान जब मैं देखती हूँ,
तो लगता है क्यों ये सिर्फ कुछ पलों के लिए थी,
आँखों में जब देखती हूँ चमक,
तो याद करती हूँ कौन सी बातो ने जलाये थे उनमे दिए?
मैं अगर कभी ऐसी थी, तो सदा ही ऐसी क्यों नहीं?
वो धुप छाव की रोशनी बिखरी है जो चेहरे पर इस जीवन,
 इस जीवन की बहुत सी सच्चाई दिखा जाती है,
मैं जब कभी परेशान बहुत हो जाती हूँ,
गमगीन हो कर दिल खुद का ही दुःखाती  हूँ ,
और जब कभी कभी हार जाती हूँ जिंदगी की बाज़ी,
तब वो तस्वीर ही खुद से प्यार करना सीखाती हैं,

अपनी ही एक तस्वीर मुझे बहुत भाती  है। ....  

मेरी जान ही तुम हो।।

मेरी यादों मे तुम हो,या मुझमें ही तुम हो । मेरे ख्यालों मे तुम हो या मेरा खयाल ही तुम हो । दिल मेरा धड़क कर पूछे बार-बार एक ही बात मेरी जान मे तुम हो या मेरी जान ही तुम हो।।

मेरी तकदीर

मेरी यादों में तुम,मेरी सांसों में तुम।मेरी आँखों में तुम,मेरे ख्वाबों में तुम।मेरे ख्यालों में तुम मेरे अल्फाज़ो में भी तुम ।मेरी जिंदगी और जीने की वजह तुम हो।मेरी हर सुबह तुम्हीं से और शब भी तुम।रास्ता भी तुम हो और मन्जिल भी तुम्हीं। मेरे आसपास साया हैं तेरा फिर भी मेरी तकदीर में तेरा नाम क्यों नहीं।। में
तेरा नाम क्यों नहीं।।

Monday, 25 May 2015

कोई इतना याद आता हैं

कोई इतना याद आता हैं , जब दिल ख़ामोशी पाता हैं ,
 हम दुनिया भूल जाते हैं , बस आँखों से आंसू निकल आते हैं !!

 हर वख्त एक दर सताता हैं,  कोई इतना याद आता हैं,
जब दिल ख़ामोशी पाता  हैं !!
 वो हमसे खफा नहीं ना हम उनसे नाराज पर
 इस दुरी से क्यों ये दिल पागल हो जाता हैं, 
 कोई इतना याद आता  हैं, जब दिल ख़ामोशी पाता  हैं !!
 भरोसा था कभी खुदा पर और किया प्यार का एक वादा था
 आज खुदा भी बेवफा नजर आता  हैं, 
कोई इतना याद आता हैं,  जब दिल ख़ामोशी पाता  हैं !!