Saturday, 6 June 2015

मेरी तकदीर

मेरी यादों में तुम,मेरी सांसों में तुम।मेरी आँखों में तुम,मेरे ख्वाबों में तुम।मेरे ख्यालों में तुम मेरे अल्फाज़ो में भी तुम ।मेरी जिंदगी और जीने की वजह तुम हो।मेरी हर सुबह तुम्हीं से और शब भी तुम।रास्ता भी तुम हो और मन्जिल भी तुम्हीं। मेरे आसपास साया हैं तेरा फिर भी मेरी तकदीर में तेरा नाम क्यों नहीं।। में
तेरा नाम क्यों नहीं।।

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