Wednesday, 11 March 2020

बाते_अभी_बाकी_है 2






बाते_अभी_बाकी_है 2
जिन्दगी_के_सफर_अभी_और_भी_है|
      जिन्दगी  दरअसल नाम है एक निरन्तर चलने वाले उस सफर का जो हमारे जन्म से प्रारम्भ हो कर मृत्यु तक चलती ही रहती है , जिसमे हम कई छोटे छोटे ,और कई बडे सफर भी करते है , और हर सफ़र वस्तुतः ख़ुद को ही तलाशने ,तराशने का सफ़र होता है और उसके साथ परिपार्श्विक को जानते हैं हम।
कहीं हड्डियों की मजबूती , कहीं रिश्तो की कशिश,
कहीं मन की गहराई , और कहीं भावनात्मक जुडाव
कहीं हृदय का प्रेम और कहीं आँखो की चमक ....और इसी अनन्त यात्रा का नाम है जिन्दगी और हर आदमी यात्री। हर यात्री के अनुभव भिन्न| हर आदमी की कुछ तलाश पूरी होती कुछ अधूरी.. हर आदमी कुछ खुद को तराशता और कुछ तराशने की कोशिश अधूरी ही रह जाती ...
बस यू ही...


बाते_अभी_बाकी_है 1

बाते_अभी_बाकी_है 1
इन्सानो की दुनिया मे इन्सान इन्सानो से ही अपनी पहचान छुपाने के लिये नक़ाबपोश बन जाता है और गुजरते वक्त के साथ चेहरो से उतरते नक़ाब मन मे घृणा भर जाते है | खुद पर ग्लानी होने लगती है ,किन्तु  यकिन मानिये ऐसे लोग ही आपको मासूमियत और भोलेपन की दुनिया से कही दूर ले जा कर दुनियादारी का सबक सिखाते है और समझा देते है कि कस्मे_वादे_प्यार_वफा_सब_बाते_है_बातो_का_क्या
बस_यू_ही... कुछ_यादे...


बातें_अभी_बाकी_है 3

             "इश्क़ तो लम्हें में हुआ करता है ,
पर यादें बरसों रह जाती है !!" और ऐसे ही लम्हों को इकठ्ठा कर हमने ज़िन्दगी की आमानत बना लिया।
            यही कही कभी मिला था वो, अनजाना सा अजनबी सा बातें शुरू हुयी और धीरे धीरे कभी ना खत्म होने वाली बातें का सिलसिला चला, लोग ज़िन्दगी में हो कर भी ज़िन्दगी नहीं होते लेकिन ना जाने क्या था उस शख्स में, जो कभी भी ज़िन्दगी में शामिल ना था फिर भी  ज़िन्दगी का हिस्सा बन गया।
            जानते हैं  दुनिया में सबसे खूबसूरत महिला कौन होती हैं ? जो बेलौस हंसी हंसती हैं, इतना कि आंखे तर हो जाये, और सबसे सुन्दर पुरुष कौन है,?  वो जो ख़ामोश मुस्कुराये तो स्त्री के दिल में हलचल कर दे। ऐसा ही था वो शख्स । उसकी खामोशी भी बहुत कुछ बोल जाती हैं।
            हमने कहीं पढ़ा था कि हर आदमी में थोड़ी सी औरत होनी चाहिए, और हर औरत में थोड़ा सा आदमी। और ऐसा ही था वो ,अपने आप में सम्पूर्ण..... अच्छा बेटा , अच्छा पति, अच्छा पिता अच्छा दोस्त और हे इन सब से अलग वो एक बेहतरीन इन्सान है। जो आज के दौर में भी किसी का भला भले ना कर सके लेकिन बुरा तो नहीं  ही करता। सबसे अलग था उसका अन्दाज़ सबसे जुदा था उसका लहजा। भरी महफिल में किसी को कैसे अकेला करते हैं कोई उससे सीखे....और अकेले में महफिल लगाने की कला में माहिर. ... हर एक जीव पर प्यार लुटाने की फ़ितरत उसे खुदा ने खुद बख्शी थी।
            मेरे में उसे हमेशा एक अच्छा दोस्त दिखा है,  और उसके रूप में एक दोस्त के साथ साथ समय समय पर और भी कई रिश्तों की झलक मिलती है।
      मैं उस शख्स से कभी रूबरू नहीं हु़यी, लेकिन मेरे घर की बेताब सी, बेबाक़ सी दीवारें.....
उसकी यादों की ख़ूबसूरती से भरी दरारें में
उसके आने के बेचैनी से इंतज़ार करती हैं और बेकरारी मेरी बढ़ाती है।

खुदा_करे_कि_कयामत_हो_और_वो_आये

बातें_अभी_बाकी_है