बाते_अभी_बाकी_है 2
जिन्दगी_के_सफर_अभी_और_भी_है|
जिन्दगी दरअसल नाम है एक निरन्तर चलने वाले उस सफर का जो हमारे जन्म से प्रारम्भ हो कर मृत्यु तक चलती ही रहती है , जिसमे हम कई छोटे छोटे ,और कई बडे सफर भी करते है , और हर सफ़र वस्तुतः ख़ुद को ही तलाशने ,तराशने का सफ़र होता है और उसके साथ परिपार्श्विक को जानते हैं हम।
कहीं हड्डियों की मजबूती , कहीं रिश्तो की कशिश,
कहीं मन की गहराई , और कहीं भावनात्मक जुडाव
कहीं हृदय का प्रेम और कहीं आँखो की चमक ....और इसी अनन्त यात्रा का नाम है जिन्दगी और हर आदमी यात्री। हर यात्री के अनुभव भिन्न| हर आदमी की कुछ तलाश पूरी होती कुछ अधूरी.. हर आदमी कुछ खुद को तराशता और कुछ तराशने की कोशिश अधूरी ही रह जाती ...
बस यू ही...
कहीं हड्डियों की मजबूती , कहीं रिश्तो की कशिश,
कहीं मन की गहराई , और कहीं भावनात्मक जुडाव
कहीं हृदय का प्रेम और कहीं आँखो की चमक ....और इसी अनन्त यात्रा का नाम है जिन्दगी और हर आदमी यात्री। हर यात्री के अनुभव भिन्न| हर आदमी की कुछ तलाश पूरी होती कुछ अधूरी.. हर आदमी कुछ खुद को तराशता और कुछ तराशने की कोशिश अधूरी ही रह जाती ...
बस यू ही...
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