Wednesday, 11 March 2020

बाते_अभी_बाकी_है 1

बाते_अभी_बाकी_है 1
इन्सानो की दुनिया मे इन्सान इन्सानो से ही अपनी पहचान छुपाने के लिये नक़ाबपोश बन जाता है और गुजरते वक्त के साथ चेहरो से उतरते नक़ाब मन मे घृणा भर जाते है | खुद पर ग्लानी होने लगती है ,किन्तु  यकिन मानिये ऐसे लोग ही आपको मासूमियत और भोलेपन की दुनिया से कही दूर ले जा कर दुनियादारी का सबक सिखाते है और समझा देते है कि कस्मे_वादे_प्यार_वफा_सब_बाते_है_बातो_का_क्या
बस_यू_ही... कुछ_यादे...


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