Friday, 31 December 2021

नया साल

तू नया है तो दिखा सुबह नई और शाम नई,
दिखा जिन्दगी का वो रंग जो है सबसे जुदा
ना हो करोना का डर,ना हो फिक्र किसी को रोजी की।
हर्षित हर मन हो, समृद्ध धरा हो।
बारिश हो खुशियों की, बिखरी हो चारों ओर
हरियाली भाईचारे की।
वरना इन आँखों ने देखे है अब तक नए साल कई ।।
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻

Monday, 20 December 2021

नव संकल्प के साथ नववर्ष का आगाज

नव संकल्प के साथ नववर्ष का आगाज

ये वक्त है जब हम नए साल की ओर,नई उम्मीदों के साथ नई उपलब्धियों की ओर बढ़ रहे हैं। हम सभी ने अपने गुजरे वक्त से बहुत कुछ सीखा है,और आने वाले दिनों के लिए सपने भी संजोए हैं।नव वर्ष में हमसब खुश रहना चाहते हैं,और हम कुछ नये संकल्प लेते हैं।हमारी इच्छाएं सफलता की गारंटी नहीं देती हैं,लेकिन यह सफलता के रास्तों को रौशन जरुर करती है और सफलता की ओर हमारे रास्तों को आसान बनाती है।सभी संकल्प हमेशा पूरे हो कोई जरुरी नहीं होता,लेकिन ये हमें हमेशा याद दिलाता है कि अभी लक्ष्य को पाना है।नववर्ष 2022 के लिए हम सभी को कुछ संकल्प लेने चाहिए जैसे..
1. खुद को सुरक्षित रखने का संकल्प :-
 2020 के शुरू में आती एक भंयकर महामारी कोविड-19 ने जनमानस को बुरी तरह से झिंझोड़कर रख दिया है,और ये महामारी अभी भी थमती नहीं दिखती सो हम सभी को सर्वप्रथम खुद को स्वस्थ रखने का संकल्प लेना चाहिए।
2. दूसरों के दुख-दर्द को समझने का संकल्प :- करोना के कारण बहुत से लोगों की रोजी रोजगार छीन चुके हैं जिससे लोगों के बीच आर्थिक असमानता की खाई बढ़ती जा रही है। अतः ऐसे सभी जरूरतमंद लोगों के प्रति हमेशा अच्छा व्यवहार करें और उनके दुख दर्द को अपना समझें।उनकी हर सम्भव मदद का संकल्प लेना हम सबके लिए देश और समाज के लिए भी हितकर रहेगा।
3. महिलाओं की शिक्षा व सुरक्षा का संकल्प:
  इस बार भी हमें महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों से मुक्ति के लिए महिलाओं की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए, साथ ही लड़की को शिक्षित करने का प्रयास किया जाय।
4.बेड हैबिट बाय-बाय कराने का संकल्प:-
नयी पीढ़ी कई बार को नशे आदि की बुरी लत लग जाती है। इस नववर्ष में इन सभी बुरी आदतों से युवाओं को बचाने और जो इनकी गिरफ्त में हैं उनसे भी इस को बाय-बाय कराना होगा।
नीलम वन्दना

अटल बिहारी वाजपेई जी

सन् 1924 क्रिसमस के दिन

इक सितारा उदय हुआ...

तब किसी को खबर नहीं ,

राजनीति के ब्रम्हांड में

ध्रुव तारा उदय हुआ था.....

राजनीति के तुफानों में भी

जिसने उम्मीदों का दीप जलाया था...

सत्ता से ऊपर है देश

हमेशा यही समझाया था....

जननायक कुछ ऐसे थे वो,

दलों को नहीं उन्होंने

लोगों के दिलों को जीता था.....

उनकी मधुर वाक्पटुता का रस

शत्रु भी  सहर्ष पीता था.....

प्रखर थे वक्ता,कवि हृदय भी

भारतरत्न  कहलाये है....

उनकी कवितायें सुनने

विपक्षी दल भी आए हैं.....

नहीं की शत्रुता कभी किसी से,

स्वस्थ प्रतिस्पर्धा वो करते थे....

विपक्ष का दम भी उनसे था,

सत्ताधारी डरते थे....


विश्व शांति के पक्षधर थे वो,

पर दुश्मन को सबक सिखाया था...

विश्व शक्ति के नाकों तले,

परमाणु परीक्षण कराया था,

नहीं डरता है भारत किसी से

यह दुनिया को बतलाया था।


एक बार एक मोहतरमा ने

प्रणय निवेदन भेजा था,

मुंह दिखाई के रस्म में उसने

कश्मीर को मांगा था।

निवेदन को स्वीकार कर

तब पूरा पाकिस्तान

दहेज में इन्होंने मांगा था..

ऐसे ही इनके हाजिर जवाबी के


किस्से जहां में चर्चित थे....

कृष्ण बिहारी जी के घर में

जन्मे उनके लाल थे....

अटल बिहारी नाम है जिनका

अटल इरादे रखतें थे।


नीलम वन्दना