सन् 1924 क्रिसमस के दिन
इक सितारा उदय हुआ...
तब किसी को खबर नहीं ,
राजनीति के ब्रम्हांड में
ध्रुव तारा उदय हुआ था.....
राजनीति के तुफानों में भी
जिसने उम्मीदों का दीप जलाया था...
सत्ता से ऊपर है देश
हमेशा यही समझाया था....
जननायक कुछ ऐसे थे वो,
दलों को नहीं उन्होंने
लोगों के दिलों को जीता था.....
उनकी मधुर वाक्पटुता का रस
शत्रु भी सहर्ष पीता था.....
प्रखर थे वक्ता,कवि हृदय भी
भारतरत्न कहलाये है....
उनकी कवितायें सुनने
विपक्षी दल भी आए हैं.....
नहीं की शत्रुता कभी किसी से,
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा वो करते थे....
विपक्ष का दम भी उनसे था,
सत्ताधारी डरते थे....
विश्व शांति के पक्षधर थे वो,
पर दुश्मन को सबक सिखाया था...
विश्व शक्ति के नाकों तले,
परमाणु परीक्षण कराया था,
नहीं डरता है भारत किसी से
यह दुनिया को बतलाया था।
एक बार एक मोहतरमा ने
प्रणय निवेदन भेजा था,
मुंह दिखाई के रस्म में उसने
कश्मीर को मांगा था।
निवेदन को स्वीकार कर
तब पूरा पाकिस्तान
दहेज में इन्होंने मांगा था..
ऐसे ही इनके हाजिर जवाबी के
किस्से जहां में चर्चित थे....
कृष्ण बिहारी जी के घर में
जन्मे उनके लाल थे....
अटल बिहारी नाम है जिनका
अटल इरादे रखतें थे।
No comments:
Post a Comment