Sunday, 31 May 2020

मासूम दिल ❤️💦❤️💦❤️

    मासूम दिल
❤️💦❤️💦❤️
पानी सा निश्छल हैं , 
बुलबुले सा नाजुक हैं ,
बच्चे सा मासूम ये दिल है ।
दुनियादारी से कही दूर
छोटे से हाथों में,
दुनियाभर खुशियाँ 
समेटना चाहता हैं ।
समेटना चाहता हैं, 
नीले आसमान को, 
अपनी छोटी सी ,
हथेलियों की मुट्ठी में। 
चमकीले आँखों मे 
सपने के महलो के बुनता
उन सपनों को सच करना चाहता हैं।
कभी गुस्से से झुझलाता हैं,
 ये कच्चा सा मासूम दिल।
कभी खुशियों मे खिलखिलाता हैं।
 ये कच्चा सा मासूम दिल 
वक्त के एक सिरे को धरे
हौले हौले से बढ़ता हैं, मन्जिल की ओर
ये मासूम दिल।
मिट्टी के घड़ो सा 
तपता रहा ये बचपन से
फिर भी उम्मीदों के 
कच्चे धाँगो से, 
ज़िन्दगी के पक्के सपने 
बुनता हैं ये मासूम दिल।
❤️💦❤️💦❤️
नीलम वन्दना

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