Scars_are_Beautiful
स्कार्स (दाग़) खूबसूरत होते है । आप सभी को सर्फ एक्सेल का वो विज्ञापन तो याद होगा ना जिसमें बच्चे बोलते हैं "दाग अच्छे हैं "। कितनी मासूमियत और चमक भरी होती हैं उन बच्चों की आँखों में । बातों बातों मे खेल खेल में वो बच्चे ज़िन्दगी की एक बड़ी हकिकत बयान कर जाते हैं। हाँ जी वास्तव में दाग़ (स्कार्स ) अच्छे ही होते हैं। आपके जीवन में लगा हर दाग़ बिना कुछ कहे बहुत कुछ कहता है। कह जाता है वो आपकी बहादुरी के किस्से और कर जाता चुग़ली है कि कैसे किया है आपने सामना अपनी ज़िन्दगी के मुसीबतों का। आपके संघर्षों की कहानी कहता है ये दाग़। ये अलग बात है कि ज़िन्दगी मे लगे कुछ दाग सभी को दिखायी देते हैं , कुछ बस खास लोगों को और कुछ सिर्फ खुद को। लेकिन ये सच है कि हर दाग़ बहुत कुछ कहा अनकहा कह जाता है। आपके जीवन की चुगली औरो से कर ही देता है ज़िन्दगी मे लगा हर दाग़।
जरा सोचिये जब लोग इतिहास में महाराणा प्रताप के वीरता के किस्से सुने और सुनाते है तो उनके चोटों के निशानों की भी बात करते है। जब युद्ध में महाराणा प्रताप घायल हुये होगें तो तकलीफ तो उनको भी हुयी ही होगी। जब सीमा पर लड़ रहा कोई सैनिक अपने हाथ पैर गंवा देता है या बन्दूक की गोली खा लेता है , तो उस वक्त तो उसे भी तकलीफ होती ही होगी ना..... लेकिन बाद में वो एक मिसाल बन जाती हैं। उसकी वीरता की मिसाल।
ये सच है हर किसी की ज़िन्दगी की लड़ाई महाराणा प्रताप या सीमा पर डटे सैनिकों जैसी कठिन नहीं होती लेकिन ये भी उतना ही सच है कि हर किसी की ज़िन्दगी की लड़ाई इतनी आसान भी नहीं होती।
हर इन्सान अपनी ज़िन्दगी की लड़ाई में ना जाने कितने बार घायल होता है, ना जाने कितने बार मर मर के जीता है। उसके ज़िन्दगी की हर लड़ाई दे जाती हैं उसे एक नया दाग़। कुछ शरीर पर, कुछ दिल पर और कुछ दाग़ उसकी आत्मा पर छोड़ जाते हैं , और लिख जाते है कुछ ऐसी कहानियाँ जिसे गुज़रते वक्त के साथ हम लोगों को सुनाते है या लोग पढ़ते है।
दाग़ सिर्फ दाग़ ही नही होते , वो आपकी शख्शियत का वो अहम हिस्सा होते है जो बताते है कि आपने जीवन में हर पड़ाव को किस बहादुरी से जिया है फिर चाहे वो दाग़ कैसे भी हो। हर स्कार्स के पीछे एक खूबसूरत कहानी होती है। इसीलिये ज़िन्दगी के उन संघर्षों के पलों मे मिले स्कार्स (दाग़) को किसी तरह के मेकअप में छुपाने की जगह सुंदरता से उभारना चाहिए ।
जापान में टूटी हुई चीज़ों को अक्सर गोल्ड से जोड़ने की परम्परा रही है ,जिसका कारण उनकी वो मान्यता हैं, जिसमें वो मानते है कि स्कार्स (दाग़) खूबसूरत होते है।
अंत में बस यही कहना है जंगल के शेरो में ही स्कार्स पाए जाते है ,चिड़ियाघर के पालतुओं में नही ।
नीलम वन्दना
जरा सोचिये जब लोग इतिहास में महाराणा प्रताप के वीरता के किस्से सुने और सुनाते है तो उनके चोटों के निशानों की भी बात करते है। जब युद्ध में महाराणा प्रताप घायल हुये होगें तो तकलीफ तो उनको भी हुयी ही होगी। जब सीमा पर लड़ रहा कोई सैनिक अपने हाथ पैर गंवा देता है या बन्दूक की गोली खा लेता है , तो उस वक्त तो उसे भी तकलीफ होती ही होगी ना..... लेकिन बाद में वो एक मिसाल बन जाती हैं। उसकी वीरता की मिसाल।
ये सच है हर किसी की ज़िन्दगी की लड़ाई महाराणा प्रताप या सीमा पर डटे सैनिकों जैसी कठिन नहीं होती लेकिन ये भी उतना ही सच है कि हर किसी की ज़िन्दगी की लड़ाई इतनी आसान भी नहीं होती।
हर इन्सान अपनी ज़िन्दगी की लड़ाई में ना जाने कितने बार घायल होता है, ना जाने कितने बार मर मर के जीता है। उसके ज़िन्दगी की हर लड़ाई दे जाती हैं उसे एक नया दाग़। कुछ शरीर पर, कुछ दिल पर और कुछ दाग़ उसकी आत्मा पर छोड़ जाते हैं , और लिख जाते है कुछ ऐसी कहानियाँ जिसे गुज़रते वक्त के साथ हम लोगों को सुनाते है या लोग पढ़ते है।
दाग़ सिर्फ दाग़ ही नही होते , वो आपकी शख्शियत का वो अहम हिस्सा होते है जो बताते है कि आपने जीवन में हर पड़ाव को किस बहादुरी से जिया है फिर चाहे वो दाग़ कैसे भी हो। हर स्कार्स के पीछे एक खूबसूरत कहानी होती है। इसीलिये ज़िन्दगी के उन संघर्षों के पलों मे मिले स्कार्स (दाग़) को किसी तरह के मेकअप में छुपाने की जगह सुंदरता से उभारना चाहिए ।
जापान में टूटी हुई चीज़ों को अक्सर गोल्ड से जोड़ने की परम्परा रही है ,जिसका कारण उनकी वो मान्यता हैं, जिसमें वो मानते है कि स्कार्स (दाग़) खूबसूरत होते है।
अंत में बस यही कहना है जंगल के शेरो में ही स्कार्स पाए जाते है ,चिड़ियाघर के पालतुओं में नही ।
नीलम वन्दना
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