Neelam Vandana
Tuesday, 19 October 2021
सुनो ना - 28
सुनो ना कह के सभी को सुनाती हूं.....
अपनापन महसूस कराती हूं.....
और
जब होता है दर्दे दिल बयां
बस यूं ही कह के सभी को बहलाती हूं...
आंखों के पीछे अब भी दरिया है,
कुछ भरे हुए
मत छेड़िए क्योंकि कुछ ज़ख्म हैं
अभी भी हरे हरे....
बस_यू_ही
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