Neelam Vandana
Friday, 7 January 2022
सुनो ना - 28
सुनो ना कह के सभी को सुनाती हूं.....
अपनापन महसूस कराती हूं.....
और
जब होता है दर्दे दिल बयां
बस यूं ही कह के सभी को बहलाती हूं...
आंखों के पीछे अब भी दरिया है,
कुछ भरे हुए
मत छेड़िए क्योंकि कुछ ज़ख्म हैं
अभी भी हरे हरे....
बस_यू_ही
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