ईमानदार आदमी जब भ्रष्ट होता है तो नस्लें नष्ट हो जाती है....
सेवन हिल्स सिने क्रिएशन्स प्रोडक्शन में बनी फिल्म चिकन करी लॉ का लेखन, निर्देशन और संगीत शेखर सिर्रीनी जी का है।
शेखर सिर्रीनी जी कहानी का अन्त थोड़ा से बदलाव के साथ और बेहतर कर सकते थे। निर्देशक के रुप में शेखर जी की तारीफ करनी चाहिए और फिल्म का संगीत भी बेहतरीन है जो कहानी के साथ साथ चलता है और कही भी अलग से थोपा हुआ सा महसूस नहीं होता।
आशुतोष राणा सर एक मजे हुए कलाकार हैं और सीतापति शुक्ल(वकील) के रूप में वो हमेशा की तरह अपना प्रभाव डालने में सफल रहे हैं। माया जॉनसन के रूप में नतालिया जानोसज़ेक भी अपने अभिनय से अपने बलात्कार के दर्द को दिखाने का अच्छा प्रयास किया है
निवेदिता भट्टाचार्य सत्य देशमुख का प्रयास भी सराहनीय है। मकरंद देशपांडे मुथु स्वामी (विपक्ष के वकील) के रूप में, गणेश पई मकिया के रूप में,जाकिर हुसैन शरद जोशी (राजनेता) के रुप में तथा छगन पाटिल के रूप में अमन वर्मा के अभिनय कौशल अपना अपना प्रभाव डालने में सफल रहे हैं। फिल्म का अन्त थोड़ा से बदलाव के साथ और ज्यादा अच्छा हो सकता था।
चिकन करी लॉ में कहानी है , एक विदेशी बेली डांसर माया की जिसके साथ मुंबई के एक राजनेता के एय्याश बेटों माकिया और नाना ने बलात्कार किया,और उसे मरने के लिए छोड़ दिया । एक सामाजिक कार्यकर्ता सत्या माया को न्याय दिलाने की कोशिश में वकील सीतापति से मिलती है और दोनों मिलकर माया को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। हालांकि इस लड़ाई में सत्या की मौत हो जाती है, और सीतापति कानूनी लड़ाई लड़ते हुए माया को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। कानूनी दांवपेंच और राजनैतिक षड्यंत्र के चलते सबूतों और गवाहों के अभाव में कोर्ट आरोपियों को बरी कर देता है। लेकिन सीतापति जिसने माया को न्याय दिलाने का वादा किया था, हिम्मत नहीं हारता और माया को आखिरकार न्याय दिला कर ही मानता है।
बाकी क्या है चिकन करी लॉ जानने के लिए फिल्म देखें।😊
No comments:
Post a Comment