#रवायत
एक रवायत है ये जिंदगी,
जिसे कायम रखना है।
मिट्टी को बस,
मिट्टी में तब्दील करना है।
ये जिम्मेदारी कब किसके कंधो पे आ जाये,
किसको है क्या खबर।
बंधन और मुक्ति का ये खेल ,
बस यही हैं ज़िन्दगी और
यही है इस ज़िन्दगी की रवायत।।
बस_यू_ही
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