Monday, 9 August 2021

प्रमेय

पुस्तक का नाम         :  प्रमेय
प्रकाशक                 : राजपाल एण्ड सन्स
                                    
पुस्तक प्राप्ति का स्थान  : Amazon.in https://www.amazon.in/Pramey-Bhagwant-Anmol/dp/9389373484/ref=sr_1_4?crid=29DDITDELK3A9&dchild=1&keywords=bhagwant+anmol&qid=1624852982&s=books&sprefix=Bhagwant+%2Cstripbooks%2C572&sr=1-4

मूल्य                          : ₹ 200
संस्करण प्रथम             : 2021

हिन्दी लेखकों के वर्तमान पीढ़ी में अनमोल भगवंत जी के लेखन हमेशा ही अनोखा और एक अलग अन्दाज़ लिए हुए रहा है, भगवंत जी ने साहित्य में नित नए प्रयोग करते हुए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
कभी कामयाबी की कहानी ,कभी रिश्तों के मर्म , कभी किन्नरों की जिंदगी ,कभी लड़कपन के नटखट अंदाज , कभी गांवों के अल्हड़पन और इस बार विज्ञान और ईश्वरीय शक्ति के बीच के मानसिक जद्दोजहद को अनमोल भगवंत जी ने अपनी रचना में उकेरा है।
         "अध्यात्म सृजन हैं, विज्ञान शोध हैं, धर्म नियम हैं।"
उपरोक्त लाइन भगवंत अनमोल की नयी कृति प्रमेय का सार भी है और जान भी। अध्यात्म, विज्ञान, धर्म,चेतना पर गहन शोध और चिन्तन के साथ प्रमेय में दो प्रेम कथाएं समानांतर चलती हैं, एक फ़ातिमा और सूर्यांश जो दो भिन्न धर्मों को मानने वाले सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। दूसरी कथा दो भिन्न ग्रहों के निवासी तारकेय और सुनैना की प्रेम का दुःखद अंत हैं।
       रचना की भाषा जरुर कहीं कहीं थोड़ी अश्लील होती हैं लेकिन उसके कारण कथा की रोचकता ज़रा भी प्रभावित नहीं होती। आप एक बार पुस्तक  शुरू करने के बाद पूरी पढ़ कर ही बन्द करना चाहेंगे।अगर आप कुछ नया और अलग पढ़ने के लिए खोज रहे हैं तो प्रमेय को पढ़े निस्संदेह आपकी खोज पूरी होगी।👍


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