पानी बरसा
गड़गड़ गड़गड़ बादल गरजे,
चमचम चमचम बिजली चमके।
रिमझिम रिमझिम पानी बरसे,
टरटर टरटर करते मेंढ़क आये।
मोर सजीला नाच दिखाते,
चारों ओर हरियाली छाये।
कुहुकू कुहूक कर कोयल बोले,
वातावरण में मिश्री हैं घोले।
कविता,सविता पिंकी रानो
झूलों पर झूला है झूले।
राजू ,सोनू ,मोनू संग मिलकर
हम सबने पानी में जहाज चलाये
मम्मी ने गरमागरम पकौड़े बनाये,
हम सब ने मिलकर, मजे से खाये।
नीलम वन्दना
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